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एक त्रिवेणी यहाँ भी

4.3
1496

मन में भ्रमण का उत्साह, सौंदर्य का आकर्षण और दो देशों की राजनैतिक सीमा के साक्षात्कार की त्रिवेणी में प्रवाहित होकर ही त्रिवेणी जा रहा था। हम छः मित्र और एक जीप ड्राइवर! मुझे छोड़ अन्य सभी इस प्रांत ...

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लेखक के बारे में

लेखन जिसके लिए संजीवनी है, पढ़ना असंख्य मनीषियों की संगति, किताबें मंदिर और लेखक उस मंदिर के देव-देवी। कठकरेज’ (कहानी संग्रह) तथा मैथिली भोजपुरी अकादमी, दिल्ली से ‘जिनगी रोटी ना हऽ’ (कविता संग्रह), 'सम्भवामि युगे युगे' (लेख-संग्रह) व 'ऑनलाइन ज़िन्दगी' (कहानी संग्रह) प्रकाशित हो चुकी है। साझा काव्य संग्रह ‘पंच पल्लव’ और 'पंच पर्णिका' का संपादन भी किया है। वर्ण-पिरामिड का साझा-संग्रह ‘अथ से इति-वर्ण स्तंभ’ तथा ‘शत हाइकुकार’ हाइकु साझा संग्रह में आ चुके हैं। साहित्यकार श्री रक्षित दवे द्वारा अनुदित इनकी अट्ठाइस कविताओं को ‘वारंवार खोजूं छुं’ नाम से ‘प्रतिलिपि डाॅट काॅम’ पर ई-बुक भी है। आकाशवाणी और कई टी.वी. चैनलों से निरंतर काव्य-कथा पाठ प्रसारित होते रहने के साथ ही ये अपने गृहनगर में साहित्यिक संस्था ‘संवाद’ का संयोजन करते रहे हैं। इन्होंने हिंदी टेली फिल्म ‘औलाद, लघु फिल्म ‘लास्ट ईयर’ और भोजपुरी फिल्म ‘कब आई डोलिया कहार’ के लिए पटकथा-संवाद और गीत लिखा है। ये अबतक लगभग तीन दर्जन नाटकों-लघुनाटकों का लेखन और निर्देशन कर चुके हैं। वर्तमान में कई पत्रिकाओं के संपादक मंडल से जुड़े हुए हैं। साल 2002 से हिंदी शिक्षण और पाठ्यक्रम निर्माण में संलग्न हैं तथा वर्तमान में दिल्ली परिक्षेत्र में शिक्षण-कार्य करते हुए स्वतंत्र लेखन करते हैं। ये विश्व-पटल पर छात्रों को आॅनलाइन हिंदी पढ़ाते हैं। राजापुरी, उत्तम-नगर, नई दिल्ली

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    रीता
    07 ডিসেম্বর 2018
    बहुत सुंदर प्रस्तुतिकरण, मानो वहीं घूम रहे हों। शायद राज्य सरकारें सैलानियों के डर को समझ कर जल्दी दूर कर सकें और त्रिवेणी का महत्व पहले सा हो जाये।
  • author
    Rahul Dwivedi
    20 অগাস্ট 2017
    its very close to my house.in triveni magar-gaj story background,
  • author
    ऋषिराज
    04 জুলাই 2018
    nicely discripted.. need to put pictures also..pls write in small paragraphs..it will keep the reader enthusiastic.👌👌👌👍👍
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    रीता
    07 ডিসেম্বর 2018
    बहुत सुंदर प्रस्तुतिकरण, मानो वहीं घूम रहे हों। शायद राज्य सरकारें सैलानियों के डर को समझ कर जल्दी दूर कर सकें और त्रिवेणी का महत्व पहले सा हो जाये।
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    Rahul Dwivedi
    20 অগাস্ট 2017
    its very close to my house.in triveni magar-gaj story background,
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    ऋषिराज
    04 জুলাই 2018
    nicely discripted.. need to put pictures also..pls write in small paragraphs..it will keep the reader enthusiastic.👌👌👌👍👍