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एक लोटा दूध

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4.8

बचपन में पढी थी एक मोहन की कहानी, असहाय निर्धन बालक मगर स्वाभिमानी।    गुरुकुल में कभी कुछ भेंट न दे पाता ,     सहपाठियों के तानों से परेशान रहता। घर में अकेली माॅ करती भी तो क्या, भूमि न कोई ...