एक कहानी थी अधूरी सी , जज्बातो से मगर पूरी सी ना कोई चरित्र खास था , ना झूठे अभिनय का अहसास था एक भाव था ,एक पूरा सा जज्बात था ना कोई पैगाम था ना कोई अंजांम था एक गोरी सी राधा सांवला सा श्याम था ना ...

प्रतिलिपिएक कहानी थी अधूरी सी , जज्बातो से मगर पूरी सी ना कोई चरित्र खास था , ना झूठे अभिनय का अहसास था एक भाव था ,एक पूरा सा जज्बात था ना कोई पैगाम था ना कोई अंजांम था एक गोरी सी राधा सांवला सा श्याम था ना ...