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एक डोली चली एक अर्थी उठी

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डोली व अर्थी में वार्तालाप ******************** एक डोली चली,एक अर्थी चली, दोनो में इस तरह कुछ बाते चली। अर्थी बोली डोली से, तू पिया के घर चली, मै प्रभु के घर चली। तू डोली में बैठ चली, मै चार कंधो पर ...

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लेखक के बारे में
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Ram Krishan Rastogi

मै भारतीय स्टेट बैंक से रिटायर्ड एक अधिकारी हूं और पिछले 15 वर्षो से लिख रहा हूं । अभी हाल में मेरा एक काव्य संग्रह काव्यांजलि के नाम से प्रकाशित हुआ है जिसमे मेरी 273 चुनी हुई रचनाए है पढेगे तो इन रचनाओं को भरपूर आनंद लेंगे।

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