हरि का अंश, शंकर का सेवक हरिशंकर कहलाता हूँ
अग्रसेन का वंशज हूँ और "गोयल" गोत्र लगाता हूँ
कहने को अधिकारी हूँ पर कवियों सा मन रखता हूँ
हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान से बेहद, प्यार मैं दिल से करता हूँ ।।
गंगाजल सा निर्मल मन , मैं मुक्त पवन सा बहता हूँ
सीधी सच्ची बात मैं कहता , लाग लपेट ना करता हूँ
सत्य सनातन परंपरा में आनंद का अनुभव करता हूँ
हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान से बेहद, प्यार मैंदिल से करता हूँ