कभी एक दरियां को थाम लेता हैं एक बूंद आंसू कभी हुकूमत को बहा ले जाता हैं एक बूंद आंसू l अच्छी नीयत अक्सर इंसा का वजन बढाती हैं, कभी वज्र-सा पलटता वार करता हैं एक बूंद आंसू l अमूमन गुस्ताख संतान छाती ...
कभी एक दरियां को थाम लेता हैं एक बूंद आंसू कभी हुकूमत को बहा ले जाता हैं एक बूंद आंसू l अच्छी नीयत अक्सर इंसा का वजन बढाती हैं, कभी वज्र-सा पलटता वार करता हैं एक बूंद आंसू l अमूमन गुस्ताख संतान छाती ...