मैं हूँ एक आवारा नदी, मुझे सिर्फ बहना है। पता नहीं कहाँ है समंदर और कहा है मंजिल.. मुझे पहाड़ो के बिच खुलके बहना है | इस दुनिया की असमंजस में खुल के रहना है.. मुझे कुछ इस तरह से जीना है | मैं हूँ एक ...
मैं हूँ एक आवारा नदी, मुझे सिर्फ बहना है। पता नहीं कहाँ है समंदर और कहा है मंजिल.. मुझे पहाड़ो के बिच खुलके बहना है | इस दुनिया की असमंजस में खुल के रहना है.. मुझे कुछ इस तरह से जीना है | मैं हूँ एक ...