pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

एक अनुभव

4904
4.4

पिछले दिनों मैंने वाराणसी से गोण्डा की यात्रा भारतीय रेल से की ,उस दौरान मै अपने कुछ अनुभवों को व्यक्त कर रहा हूँ।दोपहर के करीब दो बजे होंगे,सूरज अपनी किरणें को पूर्ण रूप दिए जा रहा था,मैं दौड़ते हुए ...