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एक अनसुनी, अनकही चीख

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रात के सन्नाटे में जब सब सो रहे थे, वह जाग रही थी – आँखों में नींद नहीं, सिर्फ आँसू थे। नाम था माया। एक साधारण-सी लड़की, सपनों से भरी, शब्दों से सजी, चुपचाप मुस्कुराती हुई। सबको लगता, माया बहुत खुश ...

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प्रीतम
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