pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

एक अनोखी प्रेम कथा

5

रजत एक वैश्या के पास जाता था हफ्ते या १५ दिन में वो सिर्फ एक ही वैश्या के पास जाता था उसको  मोहब्बत सी हो गई उस वैश्या से वैश्या बोली बाबू क्या तुम मुझसे प्यार करते हो जब भी आते सिर्फ मेरे पास ही ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Imran Anwar
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है