अकेला पार्थ खड़ा है:- -------------------------- एक"अकेला"पार्थ खड़ा है साथ ही पुरूषार्थ खड़ा है मिलके साथ खड़े हो जाओ स्वर्णिम इतिहास खड़ा है दु:शासन से समाज पटा है दुर्योधन चारों ओर खड़ा है धरती पर ...
मैं हिन्दी एवं भोजपुरी कवि, गीतकार हूं...मेरी प्रमुख किताबें निम्नलिखित हैं.....
हिन्दी काव्य
1 जीवन के विविध रंग
2-अनकही संवेदनाएं
3-धरती के परिंदे
4-आदमी के कई रंग
भोजपुरी काव्य
1-भोजपुरी के मान्यता देईं ए सरकार
2-अब गंवुओ में शहर आ गइल
साझा संग्रह
लगभग 40 काव्य, गद्य की पुस्तकें
सारांश
मैं हिन्दी एवं भोजपुरी कवि, गीतकार हूं...मेरी प्रमुख किताबें निम्नलिखित हैं.....
हिन्दी काव्य
1 जीवन के विविध रंग
2-अनकही संवेदनाएं
3-धरती के परिंदे
4-आदमी के कई रंग
भोजपुरी काव्य
1-भोजपुरी के मान्यता देईं ए सरकार
2-अब गंवुओ में शहर आ गइल
साझा संग्रह
लगभग 40 काव्य, गद्य की पुस्तकें
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