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ईद की तैयारी

4.6
10576

सुबह ऑफिस जाने के लिए घर से निकलते वक़्त अम्मी ने कहा ''आज 25 रोज़े हो गए हैं तुम अपने लिए ईद के कपड़े कब लाओगे ?'' मैंने कहा ''थोड़ी फुर्सत मिल जाये फिर मार्केट जाऊंगा, वैसे भी अभी टाइम ईद में'' ...

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लेखक के बारे में
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शहाब खान

Graphic & Motion Designer, Author

समीक्षा
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  • author
    Yash Kumar
    27 জুলাই 2018
    फ़रिश्ते पृथ्वी पर ही हैं बस इंसान को इंसान की मदद करने की इंसानियत(दृढ़ इच्छाशक्ति) होनी चाहिए।
  • author
    Moinuddin Quadri
    09 মে 2020
    माशाअल्लाह जनाब ।ईद के मायने ही खुशि है और हम जब कीसी की मदद करते हैं तो जो खुशि हासिल होती है उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते और यहीं सच्ची ईद है
  • author
    હર્ષદ દવે
    27 জুলাই 2018
    रूहानी आवाज ने जो कहा ऐसे ही इद मनाई, इंसानियत का नाता खुदा ने जोड़ दिया, इसी रिश्ते पर जहान कायम है, वरना...
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    Yash Kumar
    27 জুলাই 2018
    फ़रिश्ते पृथ्वी पर ही हैं बस इंसान को इंसान की मदद करने की इंसानियत(दृढ़ इच्छाशक्ति) होनी चाहिए।
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    Moinuddin Quadri
    09 মে 2020
    माशाअल्लाह जनाब ।ईद के मायने ही खुशि है और हम जब कीसी की मदद करते हैं तो जो खुशि हासिल होती है उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते और यहीं सच्ची ईद है
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    હર્ષદ દવે
    27 জুলাই 2018
    रूहानी आवाज ने जो कहा ऐसे ही इद मनाई, इंसानियत का नाता खुदा ने जोड़ दिया, इसी रिश्ते पर जहान कायम है, वरना...