जय श्रीराम , आदरणीय बन्धुवों , सादर नमन । मेरी पंच सती नामक दोहावली में एक दोहा लिखा गया है । कंचन किर्ती कामिनी, मिटा किया जो प्रीति । जो उबरा इन तीन से, लिया तिहुँ पुर जीति ।। अर्थात , इन तीन ...
जय श्रीराम , आदरणीय बन्धुवों , सादर नमन । मेरी पंच सती नामक दोहावली में एक दोहा लिखा गया है । कंचन किर्ती कामिनी, मिटा किया जो प्रीति । जो उबरा इन तीन से, लिया तिहुँ पुर जीति ।। अर्थात , इन तीन ...