ए मेरी जान मुझ को माफ़ कर दो तुम्हारा जिस्म अब छू न सकूंगा नहीं हूँ पहले वाला मर्द अब मैं नहीं एहसास वाला फ़र्द अब मैं हर एक जज़्बा जहाँ से मुड़ गया है मेरा रिश्ता वहां से जुड़ गया है वह जो मेरी तरह के ...
ए मेरी जान मुझ को माफ़ कर दो तुम्हारा जिस्म अब छू न सकूंगा नहीं हूँ पहले वाला मर्द अब मैं नहीं एहसास वाला फ़र्द अब मैं हर एक जज़्बा जहाँ से मुड़ गया है मेरा रिश्ता वहां से जुड़ गया है वह जो मेरी तरह के ...