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हर बार

4.1
2337

हर बार नए ढंग से तुझे जीतना चाहता हूँ जिंदगी, हर बार तुम मेरे हारने की एक वजह ढूंढ लेते हो ।  ...

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लेखक के बारे में

शिक्षा : एम.ए एवं एल.एल.बी 1) लिखा नहीं एक शब्द (काव्य संग्रह) - दूसरा संस्करण, बोधि प्रकाशन, सी-46, सुदर्शनपूरा इंडस्ट्रियल एरिया एक्सटेंशन नाला रोड, 22 गोदाम, जयपुर, 302006, प्रकाशन वर्ष 2021, ISBN 9789390827008 2) ईश्क़ मे नदी (काव्य संग्रह), प्रकाशन वर्ष 2021, प्रकाशक - अंश प्रकाशन, 1617, उल्घनपुर, कुए वाली गली, निकट शीतला मार्किट मंदिर, नवीन शाहदरा, शाहदरा, दिल्ली, 110032, ISBN 9789385734472 3) मटमैली ज़िन्दगी (कहानी संग्रह), अनन्य प्रकाशन, ई-17 पंचशील गार्डन, नवीन शाहदरा, दिल्ली, 110032, प्रकाशन वर्ष 2020, ISBN 9789389191561 4) बूँद बूँद पानी (काव्य संग्रह), बोधि प्रकाशन, सी-46, सुदर्शनपूरा इंडस्ट्रियल एरिया एक्सटेंशन नाला रोड, 22 गोदाम, जयपुर, 302006, प्रकाशन वर्ष 2019, ISBN 9789389177510 2) 5) बोल रहा हूँ (काव्य संग्रह), बोधि प्रकाशन, सी-46, सुदर्शनपूरा इंडस्ट्रियल एरिया एक्सटेंशन नाला रोड, 22 गोदाम, जयपुर, 302006, प्रकाशन वर्ष 2018, ISBN 9789387078741 6) काका के कहे किस्से (लोक कथा संग्रह) दूसरा संस्करण, शिल्पायन बुक्स, 10295, लेन नंबर 1, वेस्ट गोरखपार्क, श्रद्रा, दिल्ली, 110032, प्रकाशन वर्ष 2018, ISBN 9788190576710 7) फिर (काव्य संग्रह), शिल्पायन पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स, 10295, लेन नंबर 1, वेस्ट गोरखपार्क, श्रद्रा, दिल्ली, 110032, प्रकाशन वर्ष 2016, ISBN 9789381610688 • फिर , पुस्तक पर , राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान ,उत्तर प्रदेश द्वारा डॉ शिव मंगल सिंह पुरस्कार , वर्ष 2017। • सोशल मीडिया पर लिखे लेख पर , जनवरी 2018 में , राज्य कर्मचारी संस्थान द्वारा पुरस्कार दिया गया। • यू ट्यूब कहानी सागर प्रतियोगिता में कहानी - दयालु , उत्कृष्ट घोषित। • वर्ष 2019 में, काव्य संग्रह - बोल रहा हूँ , पर उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा विजयदेव नारायण साही पुरस्कार ।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Akshat
    17 अक्टूबर 2015
    GREAT POEM , MUST READ
  • author
    Awadhesh Singh
    18 अक्टूबर 2015
    Life is not to win but to live in full passion. Viyogi hoga pahala kavi, Aah se upja hoga Gyan, Nikal ke naino se chupchap, Bahi hogi kavita anjaan.
  • author
    Prabal Mall
    17 अक्टूबर 2015
    Very touching poem Shri Amit Kumar Mall Ji ! Keep up the great creativity.....,
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  • author
    Akshat
    17 अक्टूबर 2015
    GREAT POEM , MUST READ
  • author
    Awadhesh Singh
    18 अक्टूबर 2015
    Life is not to win but to live in full passion. Viyogi hoga pahala kavi, Aah se upja hoga Gyan, Nikal ke naino se chupchap, Bahi hogi kavita anjaan.
  • author
    Prabal Mall
    17 अक्टूबर 2015
    Very touching poem Shri Amit Kumar Mall Ji ! Keep up the great creativity.....,