pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

दुल्हन#ओवुमनिया

33

झुकी नज़रें और सपने उनींदी और बोझिल पलकों पर दिल की धड़कनों में बसेरा भविष्य के अरमानों का मोतियों सी चमकती कजरारी आंखों में जलते हुए चाहत के दीप मन में उत्सुकता अनदेखे व अनजाने प्रियतम के ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
प्रमोद कुमार

मैं अभिव्यक्ति हूं, भावनाओं की शब्दों में मन के चित्र को ,कागज पर उकेरती है लेखनी

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है