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बेटी

4.4
996

लक्ष्मी

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Anu Shukla

aggyani

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    28 फ़रवरी 2019
    भाव बहुत अच्छे लगे आ0 ऐसी बेटियों को तरसते है लोग जिनके बेटियां नहीं होती। बेटियों की अच्छी परवरिश का ही नतीजा है कि बेटियां माँ-बाप इज्जत को अपने हाथों से चार चांद लगा देती है। बहुत ही अच्छा लगा एक बहुत अच्छी व होनहार बेटी की कहानी पढ़कर। मेरी कोई बहन नहीं है हमें पता है कि बेटी, बहन क्या होती है जब पड़ोस में रहने वाली बेटियां अपनी मर्जी से राखी बांधती है या किसी कारण से नहीं बांध पाती तो थोड़ा सा भी अच्छा नहीं लगता है। कई बार तो हाथ सुन्ने रह जाते है राखी के दिन बाद दुख होता कि हमारे घर भी एक लक्ष्मी पैदा होती । लोगों की सोच आज कल बहुत नीचे गिर गई है। कहते है अच्छा है आपके कोई बेटी नहीं है....अरे! हमारे रक्षाबंधन वाले दिन कभी सुन्ने हाथों से पूछ कर देखना कभी बेटी, बहन क्या होती है। लोग पूछने पर उत्तर देते है....बड़ी हो कर माँ बाप की इज्जत को उछाल देती है। अरे! यदि आपकी परवरिश में कोई कमी नही है तो इनको आप खुला छोड़ सकते हो इन चिड़ियों को खुले आसमान में उड़ान भरने दे सकते हो। ये उड़कर आपके पास ही वापस आएंगी।
  • author
    Sunil Shukla
    20 सितम्बर 2018
    बेहतरीन रचना 🌼🌼🍁🍁
  • author
    nidhi Bansal "Nidhi"
    22 सितम्बर 2018
    बहुत कम शब्दों मे अपने दिल की हर भावना को पूरी तरह पिरोया है आपने।सच मे बेटी बगिया की महकती डाली है,बेटी नहीं जिस आंगन मे वो आंगन खाली खाली है
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    28 फ़रवरी 2019
    भाव बहुत अच्छे लगे आ0 ऐसी बेटियों को तरसते है लोग जिनके बेटियां नहीं होती। बेटियों की अच्छी परवरिश का ही नतीजा है कि बेटियां माँ-बाप इज्जत को अपने हाथों से चार चांद लगा देती है। बहुत ही अच्छा लगा एक बहुत अच्छी व होनहार बेटी की कहानी पढ़कर। मेरी कोई बहन नहीं है हमें पता है कि बेटी, बहन क्या होती है जब पड़ोस में रहने वाली बेटियां अपनी मर्जी से राखी बांधती है या किसी कारण से नहीं बांध पाती तो थोड़ा सा भी अच्छा नहीं लगता है। कई बार तो हाथ सुन्ने रह जाते है राखी के दिन बाद दुख होता कि हमारे घर भी एक लक्ष्मी पैदा होती । लोगों की सोच आज कल बहुत नीचे गिर गई है। कहते है अच्छा है आपके कोई बेटी नहीं है....अरे! हमारे रक्षाबंधन वाले दिन कभी सुन्ने हाथों से पूछ कर देखना कभी बेटी, बहन क्या होती है। लोग पूछने पर उत्तर देते है....बड़ी हो कर माँ बाप की इज्जत को उछाल देती है। अरे! यदि आपकी परवरिश में कोई कमी नही है तो इनको आप खुला छोड़ सकते हो इन चिड़ियों को खुले आसमान में उड़ान भरने दे सकते हो। ये उड़कर आपके पास ही वापस आएंगी।
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    Sunil Shukla
    20 सितम्बर 2018
    बेहतरीन रचना 🌼🌼🍁🍁
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    nidhi Bansal "Nidhi"
    22 सितम्बर 2018
    बहुत कम शब्दों मे अपने दिल की हर भावना को पूरी तरह पिरोया है आपने।सच मे बेटी बगिया की महकती डाली है,बेटी नहीं जिस आंगन मे वो आंगन खाली खाली है