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दोस्त हो तो ऐसा

4.5
72

"दोस्त हो तो ऐसा" अचानक परिवार के साथ एक पार्टी में जा रहे आनंद की नज़र ड्राइविंग करते-करते अपने बचपन के दोस्त मुखी पर पड़ी जो साइकिल पर कही जा रहा था।            नज़र पड़ते ही वह जोर ...

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लेखक के बारे में
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Sarika Vijaywargiya

प्रिय पाठकों जय श्री कृष्ण🌹🙏 मैं सारिका विजयवर्गीय "वीणा" नागपुर( महाराष्ट्र) से हूँ। मैं गृहलक्ष्मी हूँ। मैंने समाजशास्त्र में एम.ए. किया है। मुझे समाजशास्त्र में स्वर्ण पदक मिला है। मुझे बचपन से लिखने का शौक है। आपकी प्रतिक्रिया मेरा उत्साह बढ़ाती है। कृपया आपसे हाथ जोड़ कर अनुरोध है कि कृपया मेरी रचनाएँ पढ़ने के बाद आप प्रतिक्रिया जरूर दिया कीजिये। आपकी प्रतिक्रिया से जहाँ एक और लेखन के प्रति और मेरा उत्साह बढ़ता है। वही दूसरी और मुझे गर्व महसूस होता है कि मैं भी घर बैठे कुछ काम कर रही हूँ। मुझे एक नई पहचान देने के लिए आपके सहयोग की अत्यंत आवश्यकता है। कृपया आप मुझे बताएँ आप क्या पढ़ना चाहते है। मैं आपकी पसंद की थीम अनुसार बहुत ही रोचक कहानियाँ प्रतिलिपि के माध्यम से लिख भेजूंगी। साथ ही आप और क्या पढ़ना चाहते है ये भी जरूर बताइयेगा।मुझे आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा। कृपया मेरी रचनाएँ पढ़ कमेंट जरूर किजियेगे। मुझे ढ़ेर सारे प्यार देने के लिए मैं आप सभी पाठकवर्ग का शुक्रिया अदा करती हूँ। नमस्कार🙏🌹😊

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