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दोहे- परोपकार, घड़ी

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दोहे- परोपकार उपकारी हों सदा, होगा जग में नाम । कर्म सदा करते रहें, मिल जाएंगे श्याम ।। दोहा- घड़ी घड़ी खो गयी आज वो, समझ न आया नाथ। बनी रहे वो ही घड़ी, जिसमें उसका साथ ।। रजनी कटारे "हेम" जबलपुर म. ...