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हिन्दी

दोहावली

4.6
1026

<p>भगवान श्रीराम के परम भक्त, गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गायी दोहावली ५७३ दोहों एवम सोरठों का संकलन है। अधिकतर दोहे बृज भाशा में लिखे हुए हैं जबकी कुछ अन्य अवधी भाषा में हैं।</p> <div>ये दोहे ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : गोस्वामी तुलसीदास(मूलनाम: रामबोला) जन्म : 9 सितंबर 1497, राजापुर(चित्रकूट, उत्तर प्रदेश) देहावसान : 7 जनवरी 1623, असि घाट, वाराणसी(उत्तर प्रदेश) भाषा : हिन्दी, अवधी, संस्कृत विधाएँ : दोहे, छंद, चौपाई गोस्वामी तुलसीदास भारत के सबसे प्रसिद्ध रचनाकारों में से एक हैं, उनकी कालजयी रचना &#39;राम चरित मानस&#39; जो कि वाल्मीकि कृत &#39;रामायण&#39; का अवधी भाषांतर है हिन्दुओं में बड़े चाव से पड़ा जाता है। तुलसीदास को कुछ लोग वाल्मीकि का अवतार भी मानते हैं जिसकी वजह से उनका एक उपनाम अभिनव-वाल्मीकि भी है। तुलसीदास भगवान श्रीराम के परम भक्त थे एवं उन्होने राम चरित मानस के अलावा विनय-पत्रिका, कवितावली, गीतावली जैसी अनेक प्रतिष्ठित रचनाओं का सृजन भी किया है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    06 अप्रैल 2020
    साधारण और सार गर्वित श्बद संदेश समाज को देने महात्मा श्री तुलसीदास जी को कोटि कोटि प्रणाम।एक जगह कहा था। बैठ कुसंग चाहे कुशल तुलसी मोय अफसोस। महिमा घटी समुद्र की रावण बसो पडोस।।
  • author
    Sushil P. Nagar
    03 अगस्त 2020
    तुलसी का मूल्यांकन कर सकूँ ऐसी सामर्थ्य नहीं | उन्हें शत शत प्रणाम
  • author
    Mukesh Ram Nagar
    23 जून 2018
    अद्भुत, 🙏जय सियाराम। इसका हिंदी टीका भी उपलब्ध करा सकें तो बड़ा आनंद आ जाय।
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    06 अप्रैल 2020
    साधारण और सार गर्वित श्बद संदेश समाज को देने महात्मा श्री तुलसीदास जी को कोटि कोटि प्रणाम।एक जगह कहा था। बैठ कुसंग चाहे कुशल तुलसी मोय अफसोस। महिमा घटी समुद्र की रावण बसो पडोस।।
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    Sushil P. Nagar
    03 अगस्त 2020
    तुलसी का मूल्यांकन कर सकूँ ऐसी सामर्थ्य नहीं | उन्हें शत शत प्रणाम
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    Mukesh Ram Nagar
    23 जून 2018
    अद्भुत, 🙏जय सियाराम। इसका हिंदी टीका भी उपलब्ध करा सकें तो बड़ा आनंद आ जाय।