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धुरंधर काका : रंगा सियार

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धुरंधर काका : रंगा सियार धुरंधर काका ने मुझे अख़बार के कोने से देखते हुए पास बुलाया और हाथ से बैठने का इशारा किया। " काका ! आज किस सोच में पड़े हुए हैं सुबह सुबह।" उनकी गंभीर मुखमुद्रा देखकर मैंने ...