देखा है लाभ को लोग बनते देखा है अपनों को अपनों से लड़ते देखा है गैरत तो अब नहीं रही मैंने उसे भी मरते देखा है ख़ामोशी में भी शोर होते देखा है किसी दूसरे की क्या अपनों को मुंह मोड़ते देखा है ...
देखा है लाभ को लोग बनते देखा है अपनों को अपनों से लड़ते देखा है गैरत तो अब नहीं रही मैंने उसे भी मरते देखा है ख़ामोशी में भी शोर होते देखा है किसी दूसरे की क्या अपनों को मुंह मोड़ते देखा है ...