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मौत उड़ा ले गई मेरी ज़िदंगी

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सबकी ढाल और मजबूत सहारा था, घर में भी सबसे प्यारा था ज़िद थी पाने की सपनो को ,उम्मीदें थी मुझसे कई ...

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आलोक शर्मा

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