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डायन और दिल्ली

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4.2

वो मारी गयी, डायन ही थी? नहीं नहीं, न ही औरत और इंसान, बस वह औरत एक डायन ही तो थी? नहीं उसकी चीखें कहाँ आ पाईं, सत्ता के गलियारों में? दिल्ली के मीडिया हाउसेस में, नहीं बटोर पाया टीआरपी उसका क्रंदन? ...