कलेक्ट्रेट में आज बड़ी भीड़ हो रही थी । लोग तरह तरह की बातें कर रहे थे। चारों तरफ अफरातफरी मची हुई थी। सारे चपरासी इधर से उधर दौड़ रहे थे। किसी को भी मरने तक की फुर्सत नहीं थी। किसी ने रात में ...

प्रतिलिपिकलेक्ट्रेट में आज बड़ी भीड़ हो रही थी । लोग तरह तरह की बातें कर रहे थे। चारों तरफ अफरातफरी मची हुई थी। सारे चपरासी इधर से उधर दौड़ रहे थे। किसी को भी मरने तक की फुर्सत नहीं थी। किसी ने रात में ...