pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी
प्र
প্র
പ്ര
પ્ર
ಪ್ರ
பி

दारोगाजी

4.5
18815

कल शाम को एक जरूरत से तांगे पर बैठा हुआ जा रहा था कि रास्ते में एक और महाशय तांगे पर आ बैठे। तांगेवाला उन्हें बैठाना तो न चाहता था, पर इनकार भी न कर सकता था। पुलिस के आदमी से झगड़ा कौनमोल ले। यह साहब ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

मूल नाम : धनपत राय श्रीवास्तव उपनाम : मुंशी प्रेमचंद, नवाब राय, उपन्यास सम्राट जन्म : 31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) देहावसान : 8 अक्टूबर 1936 भाषा : हिंदी, उर्दू विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य   मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के महानतम साहित्यकारों में से एक हैं, आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह माने जाने वाले प्रेमचंद ने स्वयं तो अनेकानेक कालजयी कहानियों एवं उपन्यासों की रचना की ही, साथ ही उन्होने हिन्दी साहित्यकारों की एक पूरी पीढ़ी को भी प्रभावित किया और आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानियों की परंपरा कायम की|  अपने जीवनकाल में प्रेमचंद ने 250 से अधिक कहानियों, 15 से अधिक उपन्यासों एवं अनेक लेख, नाटक एवं अनुवादों की रचना की, उनकी अनेक रचनाओं का भारत की एवं अन्य राष्ट्रों की विभिन्न भाषाओं में अन्यवाद भी हुआ है। इनकी रचनाओं को आधार में रखते हुए अनेक फिल्मों धारावाहिकों को निर्माण भी हो चुका है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Pradeep Soni
    26 जनवरी 2019
    प्रेमचन्द जी हास्य व्याग वाली भी रचना लिखते है बहुत सुंदर
  • author
    Virendra Rautela
    28 दिसम्बर 2018
    मजेदार शब्दो की जादुगरी जय हो मुन्शी जी की 😊
  • author
    गजब की कहानी हंसी नहीं रुक रही है।
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Pradeep Soni
    26 जनवरी 2019
    प्रेमचन्द जी हास्य व्याग वाली भी रचना लिखते है बहुत सुंदर
  • author
    Virendra Rautela
    28 दिसम्बर 2018
    मजेदार शब्दो की जादुगरी जय हो मुन्शी जी की 😊
  • author
    गजब की कहानी हंसी नहीं रुक रही है।