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डर के आगे मौत है

4.0
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डर सदा से इन्सान का पीछा करता रहा है..सदियां बीत जाने पर भी यह अलग अलग तरह से अपना रूप दिखाता रहा है..  यह छोटी सी कहानी भी डर और रोमांच का मिश्रण है..जिसे कई बार मैंने मेरे गाँव के ...

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लेखक के बारे में

तेरे बिना हर शाम अधूरी।तुम मिल जाओ गर हर कमी हो पूरी

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Shivraj Singh Rana "शिव"
    09 जनवरी 2019
    अद्भुत , मैंने भी अपने गांव में इस प्रकार की कहानी सुनी, पर वो पहलबान जिंदा था, और उसने भाग कर अपनी जान बचाई थी
  • author
    Amit Mishra
    22 अप्रैल 2019
    कहानी बढ़िया थी लेकिन बेचारे को मार दिया आपने ।।काश अंत थोड़ा सुखद होता
  • author
    Sunil Shukla
    09 जनवरी 2019
    अति सुन्दर रचना
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  • author
    Shivraj Singh Rana "शिव"
    09 जनवरी 2019
    अद्भुत , मैंने भी अपने गांव में इस प्रकार की कहानी सुनी, पर वो पहलबान जिंदा था, और उसने भाग कर अपनी जान बचाई थी
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    Amit Mishra
    22 अप्रैल 2019
    कहानी बढ़िया थी लेकिन बेचारे को मार दिया आपने ।।काश अंत थोड़ा सुखद होता
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    Sunil Shukla
    09 जनवरी 2019
    अति सुन्दर रचना