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डंडे में गुण बहुत हैं, सदा राखिए संग। बदला बदला है समां, कुएं-कुएं में भंग।। कुएं-कुएं में भंग, नहीं कोई भी राजी। अमन चैन धुतकार,बने बैठे हैं काजी।। ...