मेरा पुश्तैनी मकान गौरैया व कबूतरों की रौनक से गुलजार था। बोगन बोलिया में वो चीं-चीं की सुरीली बोली का अनुपम संगीत बिखेरतीं। आंगन में चहकतीं, रोशनदान व खिड़कियों पर फुदकतीं तथा सूखनं को फैलाये ...
मेरा पुश्तैनी मकान गौरैया व कबूतरों की रौनक से गुलजार था। बोगन बोलिया में वो चीं-चीं की सुरीली बोली का अनुपम संगीत बिखेरतीं। आंगन में चहकतीं, रोशनदान व खिड़कियों पर फुदकतीं तथा सूखनं को फैलाये ...