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वे दिया के कमरे में पहुंचे ही थे कि दिया दौड़ कर आई और गुरूजी से घबराए स्वर में बोली, “मुझे बचा लो… मुझे मां महीषमर्दिनी के मंदिर ले चलो…” कहते-कहते वह बेहोश हो गई। गुरूजी कमरे का मुआयना करने लगे ...