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Covid19 : तिरस्कार या मजबूरी

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गोपाल किशन जी  एक सेवानिवृत अध्यापक हैं । सुबह  दस बजे तक ये एकदम स्वस्थ प्रतीत हो रहे थे । शाम के सात बजते-बजते तेज बुखार के साथ-साथ वे सारे लक्षण दिखायी देने लगे जो एक कोरोना पॉजीटिव मरीज के ...

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लेखक के बारे में

Professor, Department of Mathematics, HBTU, Kanpur

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    विजय सिंह "बैस"
    27 मार्च 2020
    परिस्थितियां इंसान को कितना अकेला कर देती है । रही बात कुत्ते की तो वफादारी उसके खून में रचती बसती है ।
  • author
    parvati singh
    23 मार्च 2021
    जिंदगी की हकीकत, और कुत्ते की वफादारी
  • author
    Girish Sati
    11 मई 2021
    bahut hi badi samasya ho gai h ki apne jaan secpyare vyakti ko bhi a bimari nikat nahi aane dete h....bura to kaafi lagta h par kya kar sakte h.
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    विजय सिंह "बैस"
    27 मार्च 2020
    परिस्थितियां इंसान को कितना अकेला कर देती है । रही बात कुत्ते की तो वफादारी उसके खून में रचती बसती है ।
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    parvati singh
    23 मार्च 2021
    जिंदगी की हकीकत, और कुत्ते की वफादारी
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    Girish Sati
    11 मई 2021
    bahut hi badi samasya ho gai h ki apne jaan secpyare vyakti ko bhi a bimari nikat nahi aane dete h....bura to kaafi lagta h par kya kar sakte h.