पिता के मरने के बाद इंद्राणी सिन्हा के जीवन में छोटे भाई और बहन के पढ़ायी की ज़िम्मेदारी है अपने प्यार सागर को वह इंतज़ार के लिए कहकर वह जीवन के इस सफ़र पर निकल पड़ती है यह सफ़र एक कठिन तपस्या ...
मुंबई में २००५ से इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन फिल्म पत्रकारिता से शुरू सफर, फ़िल्म कलाकार , निर्देशक लेखक और निर्देशक के साथ साक्षात्कार के साथ ही कई अंर्तराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और सिनेमा इवेंट के साक्षी । पिछले ८ वर्षो से पी आर एजेंसी अल्टेयर मीडिया फिल्मो के प्रचार प्रसार और मार्केटिंग के कार्य में सक्रिय।
सारांश
मुंबई में २००५ से इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन फिल्म पत्रकारिता से शुरू सफर, फ़िल्म कलाकार , निर्देशक लेखक और निर्देशक के साथ साक्षात्कार के साथ ही कई अंर्तराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और सिनेमा इवेंट के साक्षी । पिछले ८ वर्षो से पी आर एजेंसी अल्टेयर मीडिया फिल्मो के प्रचार प्रसार और मार्केटिंग के कार्य में सक्रिय।
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बधाई हो! क्लासिक सिनेमा : तपस्या (1976) प्रकाशित हो चुकी है।. अपने दोस्तों को इस खुशी में शामिल करे और उनकी राय जाने।