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छोटी कविता

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छोटी कविता : 10 चलो चलें अपने मन के अंधेरों में बाहर से ज्यादा उजाले हैं वहां यादों की जलती हुई लपटें हैं सपनों की अधबुझी चिंगारियां हैं प्रेम-शव का दाह-अंगार है रोशनी के लिए इतना काफी है. ...

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मणिका मोहिनी

एम्.ए.- दिल्ली विश्वविद्यालय रचनाएं – प्रेम प्रहार – काव्य संकलन मेरा मरना – काव्य संकलन कटघरे में – काव्य संकलन ख़त्म होने के बाद – कहानी संग्रह अभी तलाश जारी है – कहानी संग्रह अपना –अपना सच – कहानी संग्रह अन्वेषी – कहानी संग्रह स्वप्न दंश – कहानी संग्रह ये कहानियां – कहानी संग्रह ढाई आखर प्रेम का – कहानी संग्रह जग का मुजरा – कहानी संग्रह पारो ने कहा था – उपन्यास प्रसंगवश – लेख संग्रह अगेय;एक मूल्याङ्कन – सम्पादन उसका बचपन – नाट्य रूपान्तरण तेरह कहानियां – सम्पादन 5 अन्य पुस्तकें प्रकाशनाधीन

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