( छत्तीसगढी--हास्य व्यंग्य-हरेली ) आज के लैका मन ला भांटो झाड़ म चढे बर नइ आय, कारकी एमन कभू चोरा के आमा,अमली नइ हे खाय। दार -भात ,कढी ,अथान ,पापर ला लैका मन सूंघय नइ, इनला चाही नुडुल्स ,पीजा ,बरगर ...
( छत्तीसगढी--हास्य व्यंग्य-हरेली ) आज के लैका मन ला भांटो झाड़ म चढे बर नइ आय, कारकी एमन कभू चोरा के आमा,अमली नइ हे खाय। दार -भात ,कढी ,अथान ,पापर ला लैका मन सूंघय नइ, इनला चाही नुडुल्स ,पीजा ,बरगर ...