मेरा शुभ नाम चेतना सिंह है। मेरा साहित्यिक नाम चेतना प्रकाश चितेरी है। मेरा मूल निवास स्थान जौनपुर है । मैं वर्तमान में प्रयागराज में रहती हूंँ । मेरी रुचि पढ़ने के साथ - साथ घर के कार्यों में व समाज के प्रति उत्तरदायित्व को निभाने के लिए मैं पूरा प्रयास करती हूंँ। अच्छा जीवन जीने के लिए धन दौलत सभी कमाते हैं, लेकिन आखिरी सांँस जब लेते हैं तो सोचते हैं मैंने जीवन भर किया क्या, सिर्फ नौकरी की, अपने बच्चों को पैरों पर खड़ा किया, हमारी जिम्मेदारियांँ यहांँ तक सीमित हो जाती है।मैं अपने आप को इससे ऊपर उठकर देखना चाहती हूंँ, और हमेशा कुछ नया करने का प्रयास करती रहती हूंँ। इच्छाएंँ अनंत है। एक पूरी होती है दूसरी जनम ले लेती। ऐसे आत्मा भी जन्म लेती है मृत्यु उपरांत दूसरे शरीर में प्रवेश करती है जो कि अमर है फिर क्यों ना हम भौतिक जीवन से ऊपर उठकर सोचे, इच्छाओं को दबाया जा सकता है लेकिन वह व्यक्ति के अंतर्मन में कहीं न कहीं जीवित रहती है, । वैसे; मै भी अपनी इच्छाओं को जीवित रखीं हूंँ और उन्हें पूरा करने का भरसक प्रयास करती हूंँ।