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चौराहे के दाढ़ी वाले बाबा..!

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बहुत दिन बाद जब उसकी बढ़ी हुई मैली, कुचैली और लम्बी दाढ़ी बनी तो उसमें से उभर कर आया एक चेहरा चांद सा चेहरा। खुद का चेहरा देख वो कुछ पल मुस्कुराया, फिर पता नही क्या सोच उसके आंखों मे कुछ अश्क उतर ...