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चरण वंदना

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प्रथम प्रणाम करूँ उसको जो सबका पालन करती है। दूजा शीश धरूँ चरणों में जो आँचल में रखती है।। प्रणाम तीसरा तन-मन-धन से उन चरणों में करता हूँ। जिनके परमाशीर्वाद से कलम पकड़ में लिखता हूँ।। ऊर्जावान बनाने ...

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subodh singh jadon

कविता बलिदान की, कविता संस्कार की

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