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चरम सुख

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22073

कामी नहीं .....प्रियतम बनें

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लेखक के बारे में
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संजीव साहिब

खुद को खुद में ढूँढता हुआ...... लेखक, कवि, थिएटर आर्टिस्ट, अध्यापक, आईटी एक्सपर्ट.... लेखन विधा :- कहानी, कविता, दोहा, ग़ज़ल, लेख, व्यंग्य, उपन्यास.... प्लेटफॉर्म :- प्रतिलिपि, स्टोरीमिरर, योरकोट,writco , Headphone जुड़े मेरे साथ प्रीतिलिपी पर.

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Annu Pandey
    04 ജൂലൈ 2020
    bada hi gudh rahasya aapne bataya par har koi isko nahi samjhata
  • author
    दीपक त्यागी
    26 നവംബര്‍ 2018
    फिर से एक बार कठिन विषय चुना है आपने। इस बार विषय थोड़ा विवादित जैसा भी था पर बड़ी ही सुंदरता और विरलता से उस विषय को भी बेहद पवित्र ढंग से पेश किया है आपने। संजू भाई आप कमाल लिखते हो। 👏👏👏
  • author
    Sangeeta Devi "संगीता"
    24 ജനുവരി 2020
    कहानी बहुत अच्छी लगी, बहुत ही दिलचस्प विषय चुना है आपने। पढ़ते हुए एक रोमांच की अनुभूति होती है। बस कहीं कहीं वाक्यों में तालमेल नहीं दिखाई दिया और कहीं शब्दों की पुनरावृत्ति भी हुई है। बाकी सब ठीक है ‌।
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    Annu Pandey
    04 ജൂലൈ 2020
    bada hi gudh rahasya aapne bataya par har koi isko nahi samjhata
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    दीपक त्यागी
    26 നവംബര്‍ 2018
    फिर से एक बार कठिन विषय चुना है आपने। इस बार विषय थोड़ा विवादित जैसा भी था पर बड़ी ही सुंदरता और विरलता से उस विषय को भी बेहद पवित्र ढंग से पेश किया है आपने। संजू भाई आप कमाल लिखते हो। 👏👏👏
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    Sangeeta Devi "संगीता"
    24 ജനുവരി 2020
    कहानी बहुत अच्छी लगी, बहुत ही दिलचस्प विषय चुना है आपने। पढ़ते हुए एक रोमांच की अनुभूति होती है। बस कहीं कहीं वाक्यों में तालमेल नहीं दिखाई दिया और कहीं शब्दों की पुनरावृत्ति भी हुई है। बाकी सब ठीक है ‌।