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चरम सुख

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4.2

दुनिया में क्या रखा है। जिसके पिछे दुनिया पागल है। इस पागलपन के पीछे मैंने अपना सारा समय हारा है। अपनों को भूला कर न जाने क्यों पैसे के पीछे  मारा मारी है। पैसे हजारों कमा लिया मैंने पर भूख अभी ...