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चरम सुख

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चरम सुख सिर्फ चर्म से नहीं, मन की तुष्टि से पूर्ण होता है, वही सुख परम सुख होता है!! पुरूषोत्तम चौधरी ...

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Purushottam Choudhury

वियोग में संयोग में भी, विरह में मिलन में भी, अश्रु ही प्रेम प्रतीक भी, अश्क ही प्रेम प्राकट्य भी!! पुरूषोत्तम चौधरी

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