चापाकल ......जल का प्राकर्तिक सत्रोत खुद को झुकाकर दुसरो के लिए जीने की कामना इससे सिखे मीठा ठंड़ा लोगों की प्यास बुझा आत्मा को त्रप्त करता ये जल भूमि की अथाह गहराई से ईश्वर की अध्भूत देन चापाकल या ...
चापाकल ......जल का प्राकर्तिक सत्रोत खुद को झुकाकर दुसरो के लिए जीने की कामना इससे सिखे मीठा ठंड़ा लोगों की प्यास बुझा आत्मा को त्रप्त करता ये जल भूमि की अथाह गहराई से ईश्वर की अध्भूत देन चापाकल या ...