एक दिन मैं पुनम की चांदनी रात में बाहर सैर कर रही थी, तभी वही दूर से मुझे एक बूढ़ी महिला दिखी जिसने साड़ी पहनी थी ओर माथे पर लाल बिंदी थी धीरे - धीरे वो मेरे पास आ रही थी मै उसके सामने मुस्कराई ओर वो ...
एक दिन मैं पुनम की चांदनी रात में बाहर सैर कर रही थी, तभी वही दूर से मुझे एक बूढ़ी महिला दिखी जिसने साड़ी पहनी थी ओर माथे पर लाल बिंदी थी धीरे - धीरे वो मेरे पास आ रही थी मै उसके सामने मुस्कराई ओर वो ...