हर रोज की तरह हम सभी दोस्त उस दिन भी शाम ढले पार्क में टहल रहे थे,तभी अचानक हम दोस्तो के बीच बहस शुरू हो गई,और बहस भी किस बात पर ,चमत्कार पर,और लगे सब अपने अपने अनुभव बताने ,कुछ अपनी सुना रहे थे ,और ...
हर रोज की तरह हम सभी दोस्त उस दिन भी शाम ढले पार्क में टहल रहे थे,तभी अचानक हम दोस्तो के बीच बहस शुरू हो गई,और बहस भी किस बात पर ,चमत्कार पर,और लगे सब अपने अपने अनुभव बताने ,कुछ अपनी सुना रहे थे ,और ...