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चाहता हूं

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4.9

तुझ से गले लग कर अश्क बहाना चाहता हूं           बिखरा हूं और तुझ में सिमटना चाहता हूं           लाज़िमी नहीं दुनिया की इजाज़त मुझे         अपने दर को तेरा सिरनामा बनाना चाहता हूं ...