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'बुंदेलखंड की बसें'

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कंडक्टर: टिकट...टिकट...टिकट... टिकट दिखाओ भाईसाब... एक यात्री ( बीस का नोट देते हुए ) : ल्याओ दे दो टिकट कंडक्टर : किते जानें ? यात्री : इंदरगढ़ जानें... कंडक्टर : तो दतिया से इंदरगढ़ को टिकट बीस ...

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टूट कर बिखरना बिखर कर एक हो जाना... इतना आसान नहीं है 'विवेक' हो जाना... 🌹🔶💎🔶🌹

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