5 अक्टूबर 21 प्रिय डायरी आज का दिन कुछ ऐसा है कि मुझे तुमसे बात करने की तलब सी लग रही है।इसलिए में इतनी जल्दी तुमसे बतियाने बैठ गई।दरअसल आज मेरी बेटी की जॉब लगी है। यूँ तो इस दिन की वर्षों से ...
5 अक्टूबर 21 प्रिय डायरी आज का दिन कुछ ऐसा है कि मुझे तुमसे बात करने की तलब सी लग रही है।इसलिए में इतनी जल्दी तुमसे बतियाने बैठ गई।दरअसल आज मेरी बेटी की जॉब लगी है। यूँ तो इस दिन की वर्षों से ...