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बिजली के बिल

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तपत दोपहरी, लिए फटफटी, बिजली रीडर आए खटर-पटर के साथ में सोमू लम्बा बिल पकराये कुलर की ठंडी हवाओं में निकल पसीना आया लांक डाउन में तीन माह में तीश हजार बिल आया अटल ज्योति भी फीकी पड़ गई एक पैसा न पाया ...

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funny poem with SOMU

कवि नहीं, एक तुकबंदा हूं।प्रेम प्यार की रखे मलाई, भूखे पेट मैं शर्मिदा हूं।।

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