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भूखे-नंगे लोग

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- अख़लाक़ अहमद ज़ई          सारी दुकानें बंद हो गई थीं। यातायात के सारे साधन ठप्प पड़ गये थे। कुछ, जिन्हें घर पहुंचने की बेचैनी थी या जिन्हें पानी से डर नहीं लगता था, वह कमर-कमर तक पानी ...