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भ्रष्टाचार

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व्यापार करके भी तुम कितना कमा ओगे और नौकरी में भी व्यर्थ जिंदगी गम आओगे 100-100 के नोट चाहिए चमचागिरी करो ख्वाहिश हजार हो तो दादागिरी करो वोटों की राजनीति है सौदागरी करी लाखों में खेलना हो तो ...

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सफर कलम का
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