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भ्रमर

4.9
24

बगिया में आहट अलिंद की, फिर कली मसल दी जाएगी। क्या कर पाएं फूल बेबस, ऋतु बसंत भी मुरझाएगी। सदियों से ये होता आया, आगे यही होता है क्यों?? कोई भ्रमर गुंजन करके, भ्रमित करता रहता क्यों? अनजानी है ...

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लेखक के बारे में
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    ratnamala shrivastava
    07 जून 2023
    लाजवाब पंक्तियों से सुसज्जित एक सुंदर चित्रण
  • author
    Suresh Deshmukh
    07 जून 2023
    सुंदर रचना 👌✍️👍
  • author
    sangeet a
    08 जून 2023
    बहुत सुंदर सृजन, बढ़िया भाव एवं विषय बहुत ही बढ़िया है👍👍💐💐
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    ratnamala shrivastava
    07 जून 2023
    लाजवाब पंक्तियों से सुसज्जित एक सुंदर चित्रण
  • author
    Suresh Deshmukh
    07 जून 2023
    सुंदर रचना 👌✍️👍
  • author
    sangeet a
    08 जून 2023
    बहुत सुंदर सृजन, बढ़िया भाव एवं विषय बहुत ही बढ़िया है👍👍💐💐